मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

जागो , उठो ! बढ़ते रहो ..
















जागो
, उठो ! बढ़ते रहो
नित नए , कीर्तिमान गढ़ते रहो
रुको नही, झुको नही, बढ़ते रहो
मिले न 'लक्ष्य' , तब तक श्रम करते रहो
पथिक! पथ को नया करते रहो
जीवन है चलना , बस चलते रहो
जागो , उठो बढ़ते रहो
नित नए , कीर्तिमान गढ़ते रहो
पथ सफलतम हो, ऐसा तुम यत्न करो
लक्ष्य हो प्राप्त , इतना तुम प्रयत्न करो
आनंद से विवेक को तुम इतना भरो
जीवन हो आनंदमय, ऐसी तुम रचना करो
नित नयी ऊचाईयों पर तुम चढ़ते रहो
जागो, उठो! बढ़ते रहो ।

बहु वैकल्पिक प्रश्न पत्र वाली परीक्षाओं में कैसे करे हल प्रश्नपत्र ...






आज
सामान्यतः सभी प्रतियोगी परीक्षाएं बहु वैकल्पिक प्रश्नों वाली होने लगी है ।
इन परीक्षाओं में सफलता के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
१- सबसे पहले पूरे प्रश्नपत्र को ध्यान से पढना चाहिए और साथ ही जो प्रश्न हमें एक बार ही पढ़ते ही बन रहे है उनके सही जवाब के निचे प्रश्न पत्र में ही हलके से टिक लगा देना चाहिए

२- इसके बाद जब हम पूरा प्रश्नपत्र पढ़ ले तो अब टिक लगे जवाबो को फिर उत्तर पुस्तिका में अंकित कर देना चाहिए ।
३- सरल या वे प्रश्न जो हमें एक ही बार में बन गये उनके बाद हमें ऐसे प्रश्न देखने चाहिए , जिनके जवाब थोड़े अधिक प्रयास से बन जाये

३- सबसे बाद में हमें वो प्रश्न करने चाहिए जिनमे हमें सबसे ज्यादा परेशानी है या नही बन रहे है

४- यदि ऋणात्मक मूल्याङ्कन नही है , तो हमें सभी प्रश्नों के जवाब अनिवार्य रूप से देना चाहिए चाहे उत्तर हमसे बने अथवा न बने

अगर हम इन छोटी - छोटी बातों को ध्यान में रखे तो हमारी गलतियों की सम्भावनाये न्यूनतम हो सकती है , जो प्रश्न हमसे बन रहे है , समय आभाव में छूटेंगे नही । सफलता तब ज्यादा नजदीक आ जाएगी ।
यदि आप की भी कोई प्रतियोगी परीक्षाओ सम्बन्धी कोई समस्या है , तो निचे टिपण्णी में उसे जरुर दर्ज करें , हमें आपकी सहायता करने में ख़ुशी होगी ।
आपकी सफलता की कामना के साथ आपका
मुकेश पाण्डेय "चन्दन "