सोमवार, 14 अक्तूबर 2013

भारत के महत्वपूर्ण पदाधिकारी

भारत के राष्ट्रपति
नाम कार्यकाल
डॉ. राजेंद्र प्रसाद (1884 - 1963) 26 जनवरी 1950 - 13 मई 1962   (प्रथम, सर्वाधिक कार्यकाल , लगातार दो बार )

         
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1888 - 1975) 13 मई 1962 - 13     मई १९६७             ( पहले उप राष्ट्रपति जो राष्ट्रपति बने )
डॉ. जाकिर हुसैन (1897 - 1969) 13 मई 1967 - 3 मई १९६९ ( प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति , पद पर रहते हुए निधन हुआ )
वराहगिरि वेंकटगिरि (1884 - 1980)(कार्यवाहक) 3 मई 1969 - 20 जुलाई 1969
न्यायमूर्ति मोहम्मद हिदायतुल्लाह (1905 - 1992)(कार्यवाहक) 20 जुलाई 1969 - 24 अगस्त १९६९ ( एकमात्र सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जो राष्ट्रपति बने )
वराहगिरि वेंकटगिरि (1884 - 1980) 24 अगस्त 1969 - 24 अगस्त 1974                                                                   ( दूसरी मतगणना में जीते )
फखरुद्दीन अली अहमद (1905 - 1977) 24 अगस्त 1974 - 11 फरवरी १९७७ ( आपातकाल लागू किया , पद पर रहते हुए निधन हुआ )
बी.डी. जत्ती (1913 - 2002)(कार्यवाहक) 11 फरवरी 1977 - 25 जुलाई 1977
नीलम संजीव रेड्डी (1913 - 1996) 25 जुलाई 1977 - 25 जुलाई १९८२        ( निर्विरोध जीते )
ज्ञानी जैल सिंह (1916 - 1994) 25 जुलाई 1982 - 25 जुलाई १९८७ ( पहले सिख राष्ट्रपति )
आर. वेंकटरमण (1910 - 2009) 25 जुलाई 1987 - 25 जुलाई 1992
डॉ. शंकर दयाल शर्मा (1918 - 1999) 25 जुलाई 1992 - 25 जुलाई 1997
के. आर. नारायणन (1920 - 2005) 25 जुलाई 1997 - 25 जुलाई २००२     ( पहले दलित राष्ट्रपति )
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (जन्म - 1931) 25 जुलाई 2002 - 25 जुलाई २००७ ( पहले वैज्ञानिक राष्ट्रपति )
श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (जन्म - 1934) 25 जुलाई 2007 - 25 जुलाई २०१२ ( प्रथम महिला राष्ट्रपति )  
श्री प्रणब मुखर्जी (जन्म - 1935) 25 जुलाई 2012 से अब तक        

                                                   



भारत के उप राष्ट्रपति

नाम कार्यकाल
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1888 - 1975) 1952 - 1962
डॉ. जाकिर हुसैन (1897 - 1969) 1962 - 1967
वराहगिरि वेंकटगिरि (1884 - 1980) 1967 - 1969
गोपाल स्वरूप पाठक (1896 - 1982) 1969 - 1974
बी.डी. जत्ती (1913 - 2002) 1974 - 1979
न्यायमूर्ति मोहम्मद हिदायतुल्लाह (1905 - 1992) 1979 - 1984
आर. वेंकटरमण (जन्म - 1910) 1984 - 1987
डॉ. शंकर दयाल शर्मा (1918 - 1999) 1987 - 1992
के. आर. नारायणन (1920 - 1925) 1992 - 1997
कृष्णकांत (1927 - 2002) 1997 - 2002
भैरों सिंह शेखावत (जन्म - 1923) 2002 - 2007
मोहम्मद हामिद अंसारी (जन्म - 1937) 11 अगस्त 2007 से वर्तमान तक
स्रोत: इंडिया बुक - एक संदर्भ वार्षिक
 
भारत के प्रधानमंत्री
नाम कार्यकाल
जवाहरलाल नेहरू (1889 - 1964) 15 अगस्त 1947 - 27 मई 1964 (प्रथम , सर्वाधिक कार्यकाल )
गुलजारी लाल नंदा (1898 - 1997) (कार्यवाहक) 27 मई 1964 - 9 जून 1964
लाल बहादुर शास्‍त्री (1904 - 1966) 09 जून 1964 - 11 जनवरी १९६६ ( पद पर रहते हुए निधन , ताशकंद में )
गुलजारी लाल नंदा (1898 - 1997) (कार्यवाहक) 11 जनवरी 1966 - 24 जनवरी 1966
इंदिरा गांधी (1917 - 1984) 24 जनवरी 1966 - 24 मार्च १९७७ ( प्रथम महिला प्रधानमंत्री , आपातकाल लागू करवाया )
मोरारजी देसाई (1896 - 1995) 24 मार्च 1977 - 28 जुलाई १९७९ ( प्रथम  गैर कांग्रेसी  प्रधानमंत्री )
चरण सिंह (1902 - 1987) 28 जुलाई 1979 - 14 जनवरी १९८० ( प्रधानमंत्री रहते हुए कभी संसद नही गये )
इंदिरा गांधी (1917 - 1984) 14 जनवरी 1980 - 31 अक्टूबर १९८४ ( अंगरक्षकों द्वारा हत्या हुई )
राजीव गांधी (1944 - 1991) 31 अक्टूबर 1984 - 1 दिसंबर १९८९ ( सबसे युवा प्रधानमंत्री )
विश्वनाथ प्रताप सिंह (1931 - 2008) 02 दिसंबर 1989 - 10 नवंबर 1990
चंद्रशेखर (1927 - 2007) 10 नवंबर 1990 - 21 जून 1991
पी. वी. नरसिम्हा राव (1921 - 2004) 21 जून 1991 - 16 मई 1996
अटल बिहारी वाजपेयी (1926) 16 मई 1996 - 01 जून १९९६ ( सबसे कम कार्यकाल - 13 दिन )
एच. डी. देवेगौड़ा (1933) 01 जून 1996 - 21 अप्रैल 1997
इंद्रकुमार गुजराल (जन्म - 1933) 21 अप्रैल 1997 - 18 मार्च 1998
अटल बिहारी वाजपेयी (जन्म - 1926) 19 मार्च 1998 - 13 अक्टूबर 1999
अटल बिहारी वाजपेयी (जन्म - 1926) 13 अक्टूबर 1999 - 22 मई 2004
डॉ. मनमोहन सिंह (जन्म 1932) 22 मई, 2004 - वर्तमान तक ( पहले सिख राष्ट्रपति )


भारत के मुख्य न्यायाधीश
नाम कार्यकाल
हरिलाल जे. कानिया 26 जनवरी 1950 - 6 नवंबर 1951
एम. पतंजलि शास्त्री 7 नवंबर 1951 - 3 जनवरी 1954
मेहर चंद महाजन 4 जनवरी 1954 - 22 दिसंबर 1954
बी.के. मुखर्जी 23 दिसंबर 1954 - 31 जनवरी 1956
एस.आर. दास 01 फरवरी 1956 - 30 सितंबर 1959
भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा 1 अक्टूबर 1959 - 31 जनवरी 1964
पी.बी. गजेंद्रगडकर 1 फरवरी 1964 - 15 मार्च 1966
ए.के. सरकार 16 मार्च 1966 - 29 जून 1966
के. सुब्बा राव 30 जून 1966 - 11 अप्रैल 1967
के.एन. वांचू 12 अप्रैल 1967 - 24 फरवरी 1968
एम. हिदायतुल्लाह 25 फरवरी 1968 - 16 दिसंबर १९७० ( कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे )
आई.सी. शाह 17 दिसंबर 1970 - 21 जनवरी 1971
एस.एम. सीकरी 22 जनवरी 1971 - 25 अप्रैल 1973
ए.एन. रे 26 अप्रैल 1973 - 27 जनवरी 1977
एम.एच. बेग 28 जनवरी 1977 - 21 फरवरी 1978
वाई.वी. चंद्रचूड़ 22 फरवरी 1978 - 11 जुलाई 1985
पीएन भगवती 12 जुलाई 1985 - 20 दिसंबर १९८६ ( लोक अदालत , जनहित याचिका एवं परिवार न्यायालय के जनक )
आर.एस. पाठक 21 दिसंबर 1986 - 18 जून 1989
ई.एस. वेंकटरमैया 19 जून 1989 - 17 दिसंबर 1989
एस. मुखर्जी 18 दिसंबर 1989 - 25 सितंबर 1990
रंगनाथ मिश्र 26 सितंबर 1990 - 24 नवंबर 1991
के.एन. सिंह 25 नवंबर 1991 - 12 दिसंबर 1991
एम.एच. कानिया 13 दिसंबर 1991 - 17 नवंबर 1992
आई.एम. शर्मा 18 नवंबर 1992 - 11 फरवरी 1993
एम.एन. वेंकटचलैया 12 फरवरी 1993 - 24 अक्टूबर 1994
ए.एम. अहमदी 25 अक्टूबर 1994 - 24 मार्च 1997
जे. एस. वर्मा 25 मार्च 1997 - 17 जनवरी 1998
एम.एम. पंछी 18 जनवरी 1998 - 9 अक्टूबर 1998
ए.एस. आनंद 10 अक्टूबर 1998 - 31 अक्टूबर 2001
एस. पी. भरूचा 01 नवंबर 2001 - 5 मई 2002
बी.एन. कृपाल 6 मई 2002 - 7 नवंबर 2002
जी. बी. पटनायक 8 नवंबर 2002 - 18 दिसंबर 2002
वी. एन. खरे 19 दिसंबर 2002 - 1 मई 2004
एस. राजेंद्र बाबू 02 मई 2004 - 31 मई 2004
आर. सी. लाहोटी 01 जून 2004 - 31 अक्टूबर 2005
वाई. के. सब्बरवाल 01 नवंबर 2005 - 14 जनवरी 2007
के. जी. बालकृष्णन 14 जनवरी 2007 - 12 मई २०१० ( पहले दलित मुख्य न्यायाधीश )
एस. एच. कपाड़िया 12 मई 2010 - 28 सितम्बर २०१२ ( स्वतंत्रतता पश्चात् जन्मे पहले
मुख्य न्यायाधीश )
अल्तमस कबीर 29 सितम्बर 2012 - 19 जुलाई 2013
पालानीसामी सदाशिवम 19 जुलाई 2013 - अब तक

भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त
नाम कार्यकाल
सुकुमार सेन 21 मार्च 1950 - 19 दिसंबर 1958
के. वी. के. सुंदरम 20 दिसंबर 1958 - 30 सितंबर 1967
एस. पी. सेन वर्मा 01 अक्टूबर 1967 - 30 सितंबर 1972
डॉ. नागेंद्र सिंह 01 अक्टूबर 1972 - 6 फरवरी 1973
टी. स्वामीनाथन 07 फरवरी 1973 - 17 जून 1977
एस.एल. शकधर 18 जून 1977 - 17 जून 1982
आर. के. त्रिवेदी 18 जून 1982 - 31 दिसंबर 1985
आर. वी. एस. पेरिशास्त्री 01 जनवरी 1986 - 25 नवंबर 1990
श्रीमती वी. एस. रमा देवी 26 नवंबर 1990 - 11 दिसंबर 1990
टी. एन. शेषन 12 दिसंबर 1990 - 11 दिसंबर 1996  ( प्रथम मुख्य निर्वाचन आयुक्त , इनसे पहले सभी निर्वाचन आयुक्त ही रहे है . इनके समय ही निर्वाचन आयोग तीन सदस्यीय हुआ. मतदाता परिचय पत्र लागू किया  )
एम. एस. गिल 12 दिसंबर 1996 - 13 जून 2001
जे. एम. लिंगदोह 14 जून 2001 - 7 फरवरी 2004
टी. एस. कृष्णमूर्ति 08 फरवरी 2004 - 15 मई 2005
बी. बी. टंडन 16 मई 2005 - 29 जून 2006
एन. गोपालस्वामी 30 जून 2006 - 20 अप्रैल 2009
नवीन चावला 21 अप्रैल 2009 से 29 जुलाई 2010
एस. वाई. कुरैशी 30 जुलाई 2010 - 10 जून 2012
वी. एस संपत 11 जून 2012 - अब तक


कमांडर- इन- चीफ
नाम कार्यकाल
जनरल सर राय बूचर 1 जनवरी 1948 - 14 जनवरी 1949
जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा 15 जनवरी 1949 - 14 जनवरी 1953
जनरल महाराज राजेंद्र सिंहजी 15 जनवरी 1953 - 31 मार्च 1955


गुरुवार, 3 अक्तूबर 2013

प्रतियोगी परीक्षाओ की शुरुआत कैसे करें ...

अक्सर मुझसे नवयुवाओं का प्रश्न होता है , कि प्रतियोगी परीक्षाओं कि तैयारी की शुरुआत कैसे करें ...
मैं ग्रामीण पृष्ठभूमि से हूँ ...
या  मेरी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नही है ...
या मुझे सही मार्गदशन कैसे और कहाँ से प्राप्त होगा ....
या मैं किस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करूँ  .....
मुझे तैयारी के लिए क्या करना चाहिए ...
मैं कौन सी किताबे या पत्रिकाएँ पढूं ...
इस तरह के बहुत से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से सम्बंधित सवाल पूछे जाते है ....
मेरी इस पोस्ट पर भी इसी तरह से सवाल पूछे गये है ..आप इसी लाइन पर क्लिक करके इसे देख सकते है 
तो इस तरह के सवालों ने ही मुझे इस पोस्ट को लिखने के लिए प्रेरित किया है . आज की ये पोस्ट इसी तरह के सवालों  के जवाब ढूंढने की कोशिश है .

सबसे पहला और महत्वपूर्ण प्रश्न कि किस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें ?
तो अक्सर लोग दुसरे सफल प्रतियोगिओन को देख कर या किसी के कहने पर अपने लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को चुन लेते है , कि मुझे इस क्षेत्र कि तैयारी करनी है . मेरे ख्याल से ये गलत तरीका है , चूँकि सफलता आपको प्राप्त करनी है , तो निर्णय भी आपका होना चाहिए . अब सवाल आता है , कि सही निर्णय कैसे लिया जाये ? तो मेरा सुझाव है कि इस के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों पर गौर करना आवश्यक है . पहली बात आपका रुझान किस क्षेत्र कि ओर है ?
 आप किस विषय या क्षेत्र में कठिन परिश्रम कर सकते हो ?  
आपके लिए किस क्षेत्र में आसानी से मार्गदर्शन , सुविधाएं या व्यवस्थाएं मिल सकती है ?
आपका उद्देश्य क्या है ?
अब आप अगर इन बातों पर गौर करते है , तो आपको अपना लक्ष्य कुछ स्पष्ट सा होता नज़र आएगा . लक्ष्य का स्पष्ट होना अति महत्वपूर्ण है , क्योंकि अगर आपको ये ही नही पता कि जाना कहाँ है , तो आप कभी भी कहीं नही पहुच पाएंगे . हाँ एक और महत्वपूर्ण बात बताना चाहूँगा , कि बार -बार लक्ष्य न बदले या एक साथ बहुत से लक्ष्य न निर्धारित करें . अक्सर लोग जब जो प्रतियोगी परीक्षा आई , तो उसका फार्म डालकर उसकी तैयारी शुरू कर देते है , ये बहुत ही गलत तरीका है , इससे कभी सफलता नही पाई जा सकती है . आपका हमेशा एक लक्ष्य एक ध्येय बनाये और उसकी सही तरीके से व्यवस्थित तरीके से तैयारी करें . हाँ उसी क्षेत्र से मिलते हुए क्षेत्र कि तैयारी कर सकते है , जैसे संघ लोक सेवा आयोग कि तैयारी वाले लोग राज्य लोकसेवा आयोगों की परीक्षाएं आसानी से दे सकते है . इसी तरह रेलवे की तैयारी करने वाले रेलवे की वोभिन्न परीक्षाओं में शामिल हो सकते है , क्योंकि इन परीक्षाओं का पैटर्न लगभग एक सा होता है . अब आप सिविल सेवा , एस एस सी , रेलवे , बैंक आदि सभी परीक्षाएं दे तो ये गलत है .
 अब अगर हम बात करे सफलता के लिए पृष्ठभूमि की ..तो पारिवारिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि कही न कही आपकी सफलता पर प्रभाव तो डालती है . लेकिन ऐसा बिलकुल नही है , कि निम्न पृष्ठभूमि वाले लोग सफल नही होते . हम आजकल अक्सर समाचार पत्रों में गरीब एवं विपरीत परिस्थितिओं वाले लोगो की सफलता के बारे में पढ़ते रहते है . इन परिस्थिति में तैयारी करना अपेक्षाकृत थोडा कठिन होता है , लेकिन असंभव नही होता . दुनिया में अधिकांश महापुरुष इन्ही परिस्थितिओं से आये है . अगर  दिल में जज्बा -जूनून और साथ में कड़ी मेहनत हो तो सफल होने से कोई नही रोक सकता है . सिर्फ सपने ही न देखे बल्कि उनको पूरा करने के लिए दिन-रत मेहनत करे तो सफलता से कोई रोक नही सकता .
अब सही मार्गदर्शन कहाँ से और कैसे प्राप्त करें ....तो आज बाजार में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थानों की कतार लगी है ..सभी अपने आपको सर्वश्रेष्ठ घोषित करते है . ऐसे में हम क्या करें  ?
सही कोचिंग संसथान के बारे में पता करने के लिए उनके वर्तमान एवं पूर्व छात्रो से मिले ...जरुरी नही कि आप किसी संस्थान से ही मार्गदर्शन प्राप्त करें ..अगर कोई योग्य शिक्षक या सफल प्रतियोगी से भी मार्गदर्शन मिलता है , तो भी हम अपनी तैयारी सही तरीके से जारी रख सकते है .और आज इन्टरनेट के ज़माने में मार्गदर्शन और पाठ्य सामग्रियों की कोई कमी नही है . सोशल मीडिया में भी लगभग सभी तरह की परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन उपलब्ध है .  बस कमी है तो खुद मेहनत करने की .
अब बात करें कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की शुरुआत कैसे करें ?
सबसे पहले हम अपना लक्ष्य निर्धारित करते है ....ये बहुत महत्वपूर्ण है . लक्ष्य निर्धारण के बाद हम उस क्षेत्र से सम्बंधित सफल या अनुभवी व्यक्ति से सलाह -मशविरा कर सकते है . उस क्षेत्र की तैयारी की शुरुआत कैसे हो ...पाठ्य सामग्री कहाँ से और कैसे मिलेगी ? हमें तैयारी में कितना और कैसे समय देना होगा ?
 क्रमशः जारी रहेगा .....