अक्सर मुझसे नवयुवाओं का प्रश्न होता है , कि प्रतियोगी परीक्षाओं कि तैयारी की शुरुआत कैसे करें ...
मैं ग्रामीण पृष्ठभूमि से हूँ ...
या मेरी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नही है ...
या मुझे सही मार्गदशन कैसे और कहाँ से प्राप्त होगा ....
या मैं किस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करूँ .....
मुझे तैयारी के लिए क्या करना चाहिए ...
मैं कौन सी किताबे या पत्रिकाएँ पढूं ...
इस तरह के बहुत से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से सम्बंधित सवाल पूछे जाते है ....
मेरी इस पोस्ट पर भी इसी तरह से सवाल पूछे गये है ..आप इसी लाइन पर क्लिक करके इसे देख सकते है
तो इस तरह के सवालों ने ही मुझे इस पोस्ट को लिखने के लिए प्रेरित किया है . आज की ये पोस्ट इसी तरह के सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश है .
सबसे पहला और महत्वपूर्ण प्रश्न कि किस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें ?
तो अक्सर लोग दुसरे सफल प्रतियोगिओन को देख कर या किसी के कहने पर अपने लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को चुन लेते है , कि मुझे इस क्षेत्र कि तैयारी करनी है . मेरे ख्याल से ये गलत तरीका है , चूँकि सफलता आपको प्राप्त करनी है , तो निर्णय भी आपका होना चाहिए . अब सवाल आता है , कि सही निर्णय कैसे लिया जाये ? तो मेरा सुझाव है कि इस के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों पर गौर करना आवश्यक है . पहली बात आपका रुझान किस क्षेत्र कि ओर है ?
आप किस विषय या क्षेत्र में कठिन परिश्रम कर सकते हो ?
आपके लिए किस क्षेत्र में आसानी से मार्गदर्शन , सुविधाएं या व्यवस्थाएं मिल सकती है ?
आपका उद्देश्य क्या है ?
अब आप अगर इन बातों पर गौर करते है , तो आपको अपना लक्ष्य कुछ स्पष्ट सा होता नज़र आएगा . लक्ष्य का स्पष्ट होना अति महत्वपूर्ण है , क्योंकि अगर आपको ये ही नही पता कि जाना कहाँ है , तो आप कभी भी कहीं नही पहुच पाएंगे . हाँ एक और महत्वपूर्ण बात बताना चाहूँगा , कि बार -बार लक्ष्य न बदले या एक साथ बहुत से लक्ष्य न निर्धारित करें . अक्सर लोग जब जो प्रतियोगी परीक्षा आई , तो उसका फार्म डालकर उसकी तैयारी शुरू कर देते है , ये बहुत ही गलत तरीका है , इससे कभी सफलता नही पाई जा सकती है . आपका हमेशा एक लक्ष्य एक ध्येय बनाये और उसकी सही तरीके से व्यवस्थित तरीके से तैयारी करें . हाँ उसी क्षेत्र से मिलते हुए क्षेत्र कि तैयारी कर सकते है , जैसे संघ लोक सेवा आयोग कि तैयारी वाले लोग राज्य लोकसेवा आयोगों की परीक्षाएं आसानी से दे सकते है . इसी तरह रेलवे की तैयारी करने वाले रेलवे की वोभिन्न परीक्षाओं में शामिल हो सकते है , क्योंकि इन परीक्षाओं का पैटर्न लगभग एक सा होता है . अब आप सिविल सेवा , एस एस सी , रेलवे , बैंक आदि सभी परीक्षाएं दे तो ये गलत है .
अब अगर हम बात करे सफलता के लिए पृष्ठभूमि की ..तो पारिवारिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि कही न कही आपकी सफलता पर प्रभाव तो डालती है . लेकिन ऐसा बिलकुल नही है , कि निम्न पृष्ठभूमि वाले लोग सफल नही होते . हम आजकल अक्सर समाचार पत्रों में गरीब एवं विपरीत परिस्थितिओं वाले लोगो की सफलता के बारे में पढ़ते रहते है . इन परिस्थिति में तैयारी करना अपेक्षाकृत थोडा कठिन होता है , लेकिन असंभव नही होता . दुनिया में अधिकांश महापुरुष इन्ही परिस्थितिओं से आये है . अगर दिल में जज्बा -जूनून और साथ में कड़ी मेहनत हो तो सफल होने से कोई नही रोक सकता है . सिर्फ सपने ही न देखे बल्कि उनको पूरा करने के लिए दिन-रत मेहनत करे तो सफलता से कोई रोक नही सकता .
अब सही मार्गदर्शन कहाँ से और कैसे प्राप्त करें ....तो आज बाजार में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थानों की कतार लगी है ..सभी अपने आपको सर्वश्रेष्ठ घोषित करते है . ऐसे में हम क्या करें ?
सही कोचिंग संसथान के बारे में पता करने के लिए उनके वर्तमान एवं पूर्व छात्रो से मिले ...जरुरी नही कि आप किसी संस्थान से ही मार्गदर्शन प्राप्त करें ..अगर कोई योग्य शिक्षक या सफल प्रतियोगी से भी मार्गदर्शन मिलता है , तो भी हम अपनी तैयारी सही तरीके से जारी रख सकते है .और आज इन्टरनेट के ज़माने में मार्गदर्शन और पाठ्य सामग्रियों की कोई कमी नही है . सोशल मीडिया में भी लगभग सभी तरह की परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन उपलब्ध है . बस कमी है तो खुद मेहनत करने की .
अब बात करें कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की शुरुआत कैसे करें ?
सबसे पहले हम अपना लक्ष्य निर्धारित करते है ....ये बहुत महत्वपूर्ण है . लक्ष्य निर्धारण के बाद हम उस क्षेत्र से सम्बंधित सफल या अनुभवी व्यक्ति से सलाह -मशविरा कर सकते है . उस क्षेत्र की तैयारी की शुरुआत कैसे हो ...पाठ्य सामग्री कहाँ से और कैसे मिलेगी ? हमें तैयारी में कितना और कैसे समय देना होगा ?
क्रमशः जारी रहेगा .....