भारत में मानसून का बड़ा बेसब्री से इन्तजार होता है , भारतीय कृषि को
मानसून का जुआ कहते है . तो आइये हम मानसून के बारे में जानते है , कि ये कब ,कैसे और कहाँ से आता है .
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संवहनीय वर्षा की उत्पत्ति |
मानसून अरबी भाषा का शब्द है, जो कि
मौसिम शब्द से उत्पन्न हुआ है , जिसका अर्थ होता है -हवाएं मानसून शब्द
हिप्पोलस ने दिया था . भारत में जिन सागरीय
पवने के माध्यम से वर्षा होती है , उन्हें मानसूनी पवने कहते है . भारत में दो तरह का मानसून आता है -
1 . - ग्रीष्म कालीन /दक्षिण पश्चिमी मानसून (जून से मध्य अक्तूबर तक )
2 .- शीत कालीन / उत्तर पूर्वी मानसून (नवम्बर से जनवरी तक )
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भारत में दो तरह का मानसून आता है, ग्रीष्म कालीन और शीत कालीन |
मानसून की उत्पत्ति :-
मानसून की उत्पत्ति के कई सिद्धांत प्रचलित है -
१- तापीय सिद्धांत
२- ITCZ सिद्धांत (विषुवतीय पछुआ पवन की संकल्पना )
३- जेट धारा सिद्धांत
४- अलनीनो एवं ला नीनो सिद्धांत
५- हेडली चक्र एवं वाटर चक्र सिद्धांत
६- दक्षिण ध्रुवीय / उत्तर ध्रुवीय प्रभाव
७- सोमाली प्रभाव
ITCZ सिद्धांत के अनुसार दक्षिण -पश्चिमी मानसून विषुवतीय पछुआ पवन के भारत में प्रवेश करने से उत्पन्न होती है .
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सोमालिया तट पर उत्पन्न होने वाली सोमाली ठंडी धारा के कारण अरब सागर के उच्च वायुदाब में वृद्धि होती है , जो दक्षिण -पश्चिम मानसून को मजबूत करती है . | | | | | | | | | |
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आपकी यह प्स्तुति अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट "अतीत से वर्तमान तक का सफर" पर आपका हार्दिक अभिनंदन है।
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी लेख ...
जवाब देंहटाएंआभार आपका !
बडे काम की जानकारी।
जवाब देंहटाएं............
International Bloggers Conference!
बहुत अच्छा कार्य है आपका।
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