लक्ष्य नामक इस ब्लॉग वेब साईट का लक्ष्य उन सभी लोगो की सहायता करना है , जो प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी तो करना तो चाहते है , पर किसी कारणवश मार्गदर्शन के आभाव या समय के आभाव में तैयारी नही कर पाते है ।ऐसे सभी प्रतियोगियों की सहायता करना ही इस वेबसाइट का लक्ष्य है । आपकी सफलता में हमारी सहायता ही हमारा लक्ष्य
मंगलवार, 6 दिसंबर 2011
जागो , उठो ! बढ़ते रहो ..
जागो , उठो ! बढ़ते रहो
नित नए , कीर्तिमान गढ़ते रहो
रुको नही, झुको नही, बढ़ते रहो
मिले न 'लक्ष्य' , तब तक श्रम करते रहो
पथिक! पथ को नया करते रहो
जीवन है चलना , बस चलते रहो
जागो , उठो बढ़ते रहो
नित नए , कीर्तिमान गढ़ते रहो
पथ सफलतम हो, ऐसा तुम यत्न करो
लक्ष्य हो प्राप्त , इतना तुम प्रयत्न करो
आनंद से विवेक को तुम इतना भरो
जीवन हो आनंदमय, ऐसी तुम रचना करो
नित नयी ऊचाईयों पर तुम चढ़ते रहो
जागो, उठो! बढ़ते रहो ।
बहु वैकल्पिक प्रश्न पत्र वाली परीक्षाओं में कैसे करे हल प्रश्नपत्र ...
आज सामान्यतः सभी प्रतियोगी परीक्षाएं बहु वैकल्पिक प्रश्नों वाली होने लगी है ।
इन परीक्षाओं में सफलता के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
१- सबसे पहले पूरे प्रश्नपत्र को ध्यान से पढना चाहिए और साथ ही जो प्रश्न हमें एक बार ही पढ़ते ही बन रहे है उनके सही जवाब के निचे प्रश्न पत्र में ही हलके से टिक लगा देना चाहिए ।
२- इसके बाद जब हम पूरा प्रश्नपत्र पढ़ ले तो अब टिक लगे जवाबो को फिर उत्तर पुस्तिका में अंकित कर देना चाहिए ।
३- सरल या वे प्रश्न जो हमें एक ही बार में बन गये उनके बाद हमें ऐसे प्रश्न देखने चाहिए , जिनके जवाब थोड़े अधिक प्रयास से बन जाये ।
३- सबसे बाद में हमें वो प्रश्न करने चाहिए जिनमे हमें सबसे ज्यादा परेशानी है या नही बन रहे है ।
४- यदि ऋणात्मक मूल्याङ्कन नही है , तो हमें सभी प्रश्नों के जवाब अनिवार्य रूप से देना चाहिए चाहे उत्तर हमसे बने अथवा न बने ।
अगर हम इन छोटी - छोटी बातों को ध्यान में रखे तो हमारी गलतियों की सम्भावनाये न्यूनतम हो सकती है , जो प्रश्न हमसे बन रहे है , समय आभाव में छूटेंगे नही । सफलता तब ज्यादा नजदीक आ जाएगी ।
यदि आप की भी कोई प्रतियोगी परीक्षाओ सम्बन्धी कोई समस्या है , तो निचे टिपण्णी में उसे जरुर दर्ज करें , हमें आपकी सहायता करने में ख़ुशी होगी ।
आपकी सफलता की कामना के साथ आपका
मुकेश पाण्डेय "चन्दन "
शुक्रवार, 18 नवंबर 2011
साक्षात्कार हेतु महत्वपूर्ण प्रश्न
मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग और मध्य प्रदेश सब इंस्पेक्टर आदि प्रतियोगी परीक्षाओ हेतु के साक्षात्कार हेतु कुछ अति महत्वपूर्ण प्रश्न प्रस्तुत है :-
१- भ्रष्टाचार क्या है ? इससे निपटने के क्या उपाय है ?
२- यदि आप इस सेवा के अंतर्गत अधिकारी बनते है ,तो आप भ्रष्टाचार से कैसे निपटेंगे ?
३-भारत में भ्रस्ताचार का कारण क्या है ?
५- पहले से मौजूद भ्रष्टाचार रोधी कानून और संस्थाएं क्यों अप्रभावी रहे है ?
६ - लोकपाल क्या है ?
७ - लोकपाल और जन लोकपाल में क्या अंतर है ?
८ -क्या लोकपाल आने से भ्रष्टाचार ख़त्म हो जायेगा ?
९ -अन्ना हजारे का आन्दोलन कहाँ तक सही है ?
१०- अन्ना हजारे के बारे में बताइए ?
११- अन्ना ने जन लोकपाल से पहले कौन से आन्दोलन किये है ?
१२- अन्ना को कौन कौन से पुरस्कार मिले है ?
१३ -जन लोकपाल आन्दोलन में कौन से प्रमुख लोग शामिल है ?
१४- अरविन्द केजरीवाल कौन है ?
१५- किरण वेदी के बारे में बताइए ?
१६- किरण वेदी किस पद पर रही है ?
१७- बाबा राम देव का आन्दोलन किस मुद्दे पर था ?
१८- बाबा राम देव के बारे में बताईये ?
१९- काला धन क्या है ? इसे कैसे रोका जा सकता है ?
२० काला धन को कम करने या ख़त्म करने के लिए सरकार क्या कर सकती है ?
२१- काला धन और भ्रष्टाचार में क्या अंतर है ?
२२- भारत में महंगाई बढ़ने के क्या कारण है ?
२३- महंगाई और भरष्टाचार में क्या सम्बन्ध है ?
२४ - महंगाई को बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है ?
२५- वर्तमान में महंगाई दर क्या है ?
२६- राष्ट्र के विकास पर महंगाई का क्या प्रभाव पड़ता है ?
२७- द्वितीय हरित क्रांति क्या है ?
२८- बड़ी संख्या में किसानो के आत्महत्या करने के क्या कारण है ?
२९- एक अच्छे प्रशासनिक अधिकारी के क्या कार्य है ?
३०- शासकीय सेवाओ में भ्रष्टाचार के क्या कारण है ?
३१- भारत में क्या वाकई लोकतंत्र है ?
३२- जनता का शासन/प्रशासन पर विश्वाश कैसे बढाया जा सकता है ?
३३- प्रशासन में पारदर्शिता कैसे लायी जा सकती है ?
३४-आप अपने आपको इस पद के योग्य क्यों समझते हो ?
३५- आपका आदर्श व्यक्तिव कौन है ? और क्यों ?
- मुकेश पाण्डेय 'चन्दन'
रविवार, 13 नवंबर 2011
समसामयिकी २०११ : नवीन तथ्य
बंगारी मथाई
केन्याई पर्यावरण विद और नोबल शांति पुरस्कार(2004) विजेता का कैंसर के कारण ७१ वर्ष की आयु में निधन हो गया । इन्होने १९७७ में केन्या में ग्रीन बेल्ट आन्दोलन की स्थापना कर के पिछले तीन दसको में करोडो पेड़ लगवाए और महिलाओ को वानिकी के माध्यम से रोजगार दिलाया ।
स्टीव जोब्स
कंप्यूटर का इस्तेमाल सुगम और सहज बनाने वाले अप्पाल कंपनी के सह संस्थापक जोब्स का निधन ६ अक्तूबर को ५६ वर्ष की आयु में लीवर कैंसर से हो गया । आईपोड और अईफोने भी जोब्स की देन है।
मंसूर अली खान ( नवाब पटौदी )
भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के सबसे युवा(२१ वर्ष की उम्र में ) , तेज तर्रार और दूरदर्शी कप्तान का निधन हो गया । पटौदी अपने पीछे पत्नी - शर्मीला टैगोर , पुत्र- सैफ अली खान , पुत्री- सोहा अली खान को छोड़ गये है ।
न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू
सुप्रीम कौर्ट के न्यायधीश मार्कंडेय काटजू सेवा निवृत हो गये । वे स्वतंत्रता सेनानी कैलाश नाथ काटजू (पूर्व मुख्य मुख्य मंत्री मध्य प्रदेश ) के पौत्र है। उन्हें प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (पी टी आई ) का अध्यक्ष बनाया गया है ।
न्यायमूर्ति सौमित्र सेन
कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सौमित्र सेन द्वारा पद से त्याग पत्र देने के बाद लोक सभा में उनके विरुद्ध चल रहे महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा रोक दी गयी । सौमित्र सेन के विरुद्ध राज्य सभा में महाभियोग पारित हो गया था , ये स्वतंत्र भारत की पहली घटना है ।
कर्नल मुअम्मर गद्दाफी
लीबिया के तानाशाह शासक कर्नल गद्दाफी को अमेरिका ने अपनी सैन्य कार्यवाही में मार गिराया । लीबिया की राजधानी त्रिपोली है । १९५१ में इसे स्वतंत्रतता मिली , १९५९ में गणतंत्र बना ।
लीबिया का राष्ट्रिय ध्वज विश्व का एकमात्र ऐसा ध्वज है, जिसमे केवल एक रंग है । इसमें न तो कोई आकृति है और न ही कुछ और बना है ।
दलाई लामा
तिब्बतियों की निर्वासित सरकार के राजनैतिक प्रमुख तथा तिब्बतियों के धर्म गुरु दलाई लामा ( तेनजिंग ग्यात्सो )ने पिछले दिनों अपने पूरे राजनैतिक अधिकार त्याग दिए । १९४९ में चीन ने तिब्बत पर अधिकार कर लिया था , तबसे तिब्बती भारत में शरणार्थी के रूप में रह रहे है ।
रविवार, 30 अक्तूबर 2011
सफलता आसानी से नही मिलती है ....१
मित्रो , सफलता शब्द हर किसी को बहुत लुभाता है , हर कोई सफलता पाना चाहता है , मगर सफलता हर किसी को नसीब नही होती है । दुनिया में सफल लोगो का प्रतिशत जरा कम है । ऐसा क्यों ?
सबसे पहले तो हमें ये निर्धारित करना होगा कि हमरी सफलता क्या होनी चाहिए ....मतलब हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए । सामान्यतः होता ये है ,कि लोग अपने जीवन में कोई एक लक्ष्य ही निर्धारित नही कर पाते है । जब आपकी मंजिल ही निश्चित नही है , तो आप उस तक पहुचोगे कैसे ? तो सफलता पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है , लक्ष्य निर्धारित करना ।
अब सफलता के लिए जब हमने लक्ष्य निर्धारित कर लिया तो हमें अपने उस लक्ष्य के बारे में पूरी जानकारी , उस तक पहुचने का रास्ता खोजना होगा । मतलब रस्ते पर आगे बढ़ने से पहले देखना होगा कि रास्ता कितना लम्बा है , मंजिल कितनी दूर है , हमें किस दिशा में और किस ओर ,किस तरह से और कैसे जाना है । ये भी बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है । अक्सर लोग लक्ष्य तो निर्धारित कर लेते है , मगर सही तरीके से आगे नही बढ़ते , बात वही हुई ,कि हमें अपनी मंजिल का सही रास्ता मालूम नही और हम किसी भी दिशा में चल दे , तो जरुरी नही कि हम मंजिल तक सही वक़्त पर पहुचे । अतः लक्ष्य तक सफलता पूर्वक पहुचने के लिए सही पूर्वयोजना जरुरी है। ........ क्रमशः
शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011
लक्ष्य की सफलताओं में एक नगीना और बढ़ा...!!
मुझे आप सभी को सूचित कटे हुए बड़ा ही गर्व महसूस हो रहा है कि लक्ष्य क्लासेस ने अपनी सफलतम परंपरा जरी रखते हुए मध्य प्रदेश पुलिस सब इंस्पेक्टर कि लिखित परीक्षा में फिर से आशातीत सफलता हासिल की है । इस परीक्षा में लक्ष्य से जुड़े सफल लोगो में सरस्वती तिवारी , निकिता शुक्ला, पूजा उपाध्याय , विनोद अग्निहोत्री , अमित गौतम , सुरेन्द्र यादव , सत्येन्द्र शुक्ला , रोहित मिश्रा,शिवेंद्र त्रिवेदी और मुकेश पाण्डेय
अनवरत...........
गुरुवार, 13 अक्तूबर 2011
रीजनिंग की तैयारी कैसे करें .....
मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011
नवीनतम समसामयिकी २०११
शनिवार, 8 अक्तूबर 2011
मुख्य परीक्षा :संभावित समसामयिक महत्वपूर्ण प्रश्न
स्वावलंबन योजना
राज्य सेवा मुख्य परीक्षा : किन बातो का ध्यान रखे .
सोमवार, 3 अक्तूबर 2011
राज्य लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा की तैयारी कैसे करें.
रविवार, 2 अक्तूबर 2011
संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा की तैयारी कैसे करें
हाल ही में मध्य प्रदेश शासन की घोषणा " शिक्षको के ९६ हजार पद " के अंतर्गत व्यापम ने तीनो वर्गों के लिए लगभग ८१,५०० पदों के लिए विज्ञापन जारी किये है । इसकी पूरी जानकारी व्यापम ने अपनी वेबसाइट पर दी है । इस बार की पात्रता परीक्षा पिछली बार से थोड़ी अलग है , क्योंकि इस बार का वर्ग १ और २ का सिलेबस व्यापम ने सी टी ऐ टी परीक्षा के आधार पर तय किया है । जो पिछली बार की तुलना में पूरी तरह से अलग है । इस बार वर्ग २ और ३ के सिलेबस में बी० एड ० और डी० एड ० के पाठ्यक्रम के अनुसार रखा है , जिसमे बाल विकास , शिक्षा शास्त्र , पर्यावरण अध्ययन , जैसे विषय जोड़े गये है । और पिछली बार की तैयारी इस बार बिलकुल काम नही आएगी क्योंकि पूरा सिलेबस बिलकुल अलग है। बाज़ार में भी जो पुस्तके आई है , अधिकांश पुराने पाठ्यक्रम के आधार पर है । इसलिए ये बहुत जरुरी है, कि आप जब पुस्तके ख़रीदे तो सिलेबस जरुर मिलाये ।
इस बार वर्ग २ और ३ के सिलेबस में सामान्य ज्ञान बिलकुल भी नही है। इसलिए वर्ग २ और ३ के लिए सामान्य ज्ञान पढने में अपना समय बर्बाद न करे ।
वर्ग १ के लिए इस बार सामान्य ज्ञान से ज्यादा आपको अपने विषय पर ध्यान देना होगा । क्योंकि इस बार वर्ग १ में मात्र ५० अंक का सामान्य ज्ञान जिसमे हिंदी- अंग्रेजी भी शामिल है , आना है । विषय के १०० अंक के प्रश्न आने है । इस बार चयन का पूरा आधार वर्ग में विषय ही होगा ।
गुरुवार, 29 सितंबर 2011
सब इंस्पेक्टर परीक्षा २०११ का हल (सामान्य अध्ययन )
प्रश्न 1- भारत की फीडर एयर लाईन (डी ) एयर इंडिया है ।
२- रावी
३- ३०८२५२
४-मालवा
५- विटामिन सी
६- हीराकुंड
७- क्लोरोफिल
८-राष्ट्रिय हिंदी दिवस
९- चंदेल
१०- ५०
११-महात्मा गाँधी
१२-महू
१३-कोंग्रेस सोशलिस्ट पार्टी
१४- मध्य प्रदेश
१५- कोल्हापुर-महाराष्ट्र
१६ -जैसलमेर
१७-१ नवम्बर २०००
१८-बेकिंग सोडा
१९- आर० बी० आइ० (इस प्रश्न का अंग्रेजी रूपांतरण सही है )
२०- डॉ राजेंद्र प्रसाद
२१- ४०
२२- २५१८९२३
२३- एल एल ऐ एम् एस
२४- ४ या ५
२५ -२१
२६-३० डिग्री
२७- कोलंबस
२८- चन्द्रगुप्त मौर्य
२९- बैरिस्टर जिन्ना ( इस प्रश्न के सभी विकल्प गलत है , परन्तु दिए विकल्पों में यही ज्यादा सही है )
३०-५ लीटर
३१-मार्कोनी
३२- अरविन्द घोष
३३- खान अब्दुल गफ्फार खान
३४- ७० %
३५- पंडित जवाहर लाल नेहरु
३६- १२ वोल्ट
३७- १.३ सेकण्ड
३८-माईकल फैराडे
३९- राजा हरिश्चंद्र
४०- फारेन्हाईट
४१- ५ जून २००१
४२-अर्जुन सिंह
४३- मध्य प्रदेश
४४-मध्य प्रदेश
४५- पांच
४६ - श्री हरिकोटा
४७ - मध्य प्रदेश
४८- अरुणांचल प्रदेश
४९-आन्ध्र प्रदेश
५० -राजस्थान
51- राज्य सभा
५२- १/३
५३-अनु० ३५६
५४-राष्ट्रपति
५५-५
५६- सामा० तथा आर्थिक लोकतंत्र के बिना
५७- २५०० किमी
५८- २८
५९- इसरो
६०- बांगलादेश
६१-अकबर
६२- बिहू
६३- १४ वर्ष
६४ -बर्तन
६५- कश्मीर
६६- दक्षिण के पठार
६७- महाराष्ट्र
६८- १९६२
६९- ७४६
७०- सोयाबीन
७१- जॉन लोगी बायर्ड
७२- सलीम दुर्रानी
७३- पोलो
७४- तैराकी
७५- १.६०९
७६- ८० से १२०
७७- २३
७८- एस टी यु
७९- डायमीटर
८०- ५० मिनट
८१- ३८ वर्ष
८२- ग्रीन
८३-६४
८४- १२०
८५- २७
८६- ५७
८७- १३
८८- उदारीकरण
८९- प्रति व्यक्ति आय
९०- १ वर्ष
९१- कृषि क्रांति से
९२- उपर्युक्त सभी
९३- सीमेंट
९४- नियोजन
९५- ५ जून
९६- सरदार पटेल
९७- जबलपुर
९८- ब्रम्ह समाज
९९- प्रार्थना समाज
१००- २५ वर्ष
शुक्रवार, 16 सितंबर 2011
क्या पढना चाहिए से ज्यादा महत्वपूर्ण है क्या नही पढना चाहिए !!!
अक्सर मुझसे बहुत से प्रतियोगी ये शिकायत करते है कि मैं पढता तो बहुत हूँ , मगर मुझे सफलता नही मिलती है ! ये एक बहुत ही आम परेशानी है , जो अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी करने वाले प्रतियोगियों के साथ आती है । एक बात यहाँ मैं ये कहना चाहूँगा कि बहुत ज्यादा पढने से कभी सफलता नही मिलती है । बल्कि हम कम पढ़े लेकिन वो महत्पूर्ण और सही होना चाहिए । अक्सर लोग गलती ये करते है कि वो पढ़ते तो बहुत है , लेकिन उसमे से बहुत कुछ उतना महत्वपूर्ण नहीं होता या परीक्षा के सिलेबस से ही बाहर का होता है । और हम कितना भी पढ़ ले मगर वो हमरे किसी काम का नही होता है ।
ये बात बिलकुल उसी तरह से है कि अगर एक आदमी दिवार में उलटी कील पकड़ कर उसे गाड़ने का भरपूर प्रयास कर रहा है , अब वो चाहे जितना प्रयास करे क्या वो कील को दीवार में गाड़ पायेगा ? नही न !!
इसी तरह अगर हम प्रतियोगी परीक्षाओ कि तैयारी करते समय अगर सही दिशा में प्रयास नही करेंगे तो हम कितनी भी मेहनत कर ले मगर हमें सफलता नही मिल सकती है । सफलता के लिए हमें सही दिशा में , सही समय पर , सही तरीके से परिश्रम करना होगा ।
अब प्रश्न उठता है कि हमें कैसे पता चले कि हम सही दिशा में है या गलत दिशा में ?
इस प्रश्न के जवाब के लिए हमें सबसे पहले परीक्षा के सिलेबस को समझना होगा , फिर हमें पुराने प्रश्न पत्रों कि सहायता से प्रश्नों कि रूप रेखा को समझना होगा कि किस तरह के प्रश्न पूछे जाते है ? किस तरह के प्रश्न अधिक आते है ?
जब हम परीक्षा के प्रश्नों के स्वरुप को सही तरीके से समझ लेते है तो हमरा काम बहुत आसान हो जाता है । और अपने सिलेबस के उस भाग पर फ़ालतू मेहनत करने से बच जाते है जिससे बहुत कम प्रश्न आते है या आते ही नही है । इसके साथ हमें ये भी पता चल जाता है , कि सिलेबस के किस टोपिक से ज्यादा प्रश्न आते है । और किस तरह से प्रश्न आते है । और हम अपनी तैयारी उसी तरह से सही दिशा में करना शुरू कर सकते है ।
आपकी सफलता कि शुभ कामनाओ के साथ .........
आपका ही मुकेश पाण्डेय 'चन्दन'
बुधवार, 14 सितंबर 2011
सामान्य हिंदी की तैयारी कैसे करे ...१
गुरुवार, 8 सितंबर 2011
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग २००९ की मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित !!
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा २००९ की दिसंबर २०१० में आयोजित परीक्षा का परिणाम अपनी वेबसाइट पर घोषित कर दिया है । सभी सफल प्रतियोगी का साक्षात्कार ८ दिसंबर से प्रारंभ होंगे । सागर से अभी तक की जानकारी के अनुसार मुकेश पाण्डेय , वर्षा शर्मा , चन्द्र प्रकाश पटेल , हेमलता पटेल , शिवेंद्र त्रिवेदी , अनुराग तिवारी , राज़दा खान , विवेक पाण्डेय , विवेक घारू आदि का चयन मुख्य परीक्षा में हो गया है । इनमे से अधिकांश लोग लक्ष्य से जुड़े हुए है । इन सभी को इस सफलता पर लक्ष्य परिवार की ओर से बहुत बहुत शुभकामनाये और बधाई!!!
मंगलवार, 6 सितंबर 2011
संविदा शाला पात्रता परीक्षा श्रेणी -१
व्यापम द्वारा आयोजित इस परीक्षा के पात्र प्रतियोगी पूरे मध्य प्रदेश में शिक्षको के खाली १५०० पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे । इस बार पात्रता परीक्षा के नियमो में कुछ परिवर्तन किये गये है ।
अभ्यर्थियों के लिए योग्यता - सम्बद्ध विषय में स्नातकोत्तर उपाधि के साथ ही बी० एड ० या समकक्ष
पद - १५००
वेतन - ९००० रु०
आवेदन करने की तिथि - ९ सितम्बर २०११ से ७ अक्तूबर २०११ (ऑनलाइन )
परीक्षा शुल्क - ५०० रु० (सामान्य वर्ग हेतु )
२५० (आरक्षित वर्गों के लिए )
५० रु० ऑनलाइन कियोस्क शुल्क अतिरिक्त
# ऑनलाइन आवेदन पात्र के साथ कोई भी प्रमाण पत्र /दस्तावेज संलंग नही करना है ।
मध्य प्रदेश में बेरोजगारों के लिए सुनहरा अवसर !!
सोमवार, 5 सितंबर 2011
मंगलवार, 30 अगस्त 2011
शिक्षकों के लगभग 96 हजार पद स्वीकृत
शिक्षकों के लगभग 96 हजार पद स्वीकृत (मंत्रि-परिषद के निर्णय)
201 विकास-खण्डों में बालिका छात्रावासों की स्थापना, दो हजार स्कूलों में कम्प्यूटर लैब मंजूर
भोपाल 24 अगस्त 2011। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और इसके लोक-व्यापीकरण के प्रयासों को और गति प्रदान करते हुए, मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में शिक्षकों के 95 हजार 599 पद स्वीकृत किये गये। इस निर्णय से 742 करोड़ 57 लाख रूपये का व्यय भार आयेगा।
जिन शिक्षकों के पद स्वीकृत किये गये हैं उनमें 31 हजार 599 सहायक अध्यापक, 6,383 प्रधानाध्यापक (प्राथमिक शाला), 26 हजार 26 अध्यापक, 5, 547 प्रधानाध्यापक(माध्यमिक शाला), 13 हजार 22 अंशकालीन अनुदेशक (स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा ) और 13 हजार 22 पद अंशकालिक अनुदेशक(कला शिक्षा) शामिल है।
मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि जब तक इन पदों की पूर्ति निर्धारित प्रक्रिया के तहत नहीं हो जाती, तब तक इन पदों के विरुद्ध अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर शालाओं में अध्यापक की व्यवस्था की जाये।
201 विकास खण्डों में बालिका छात्रावास
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े 201 विकास खण्डों में बालिका छात्रावासों की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की। इससे दूरदराज की बालिकाओं को छात्रावास में रह कर अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करने में मदद मिलेगी। ये छात्रावास 100 सीट वाले होंगे और प्रत्येक छात्रावास पर प्रति वर्ष 15 लाख 56 हजार रूपये का व्यय होगा। कक्षा से 9 से 12 तक की बालिकाओं के लिये स्थापित किये जाने वाले इन छात्रावासों में सभी वर्गों की छात्राएँ रह सकेंगी। इन विकास खण्डों में प्रदेश के सभी आदिवासी विकास खण्ड शामिल हैं। ये छात्रावास उन बालिकाओं के लिये होंगे, जिनके गाँव में अथवा समुचित दूरी पर शिक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं हैं।
दो हजार स्कूलों में आधुनिक कम्प्यूटर लैब
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के 2000 शासकीय हाई/हायर सेकेंडरी स्कूलों में ICT@School योजना के तहत आधुनिक कम्प्यूटर लैब की स्थापना का निर्णय लिया। इनके माध्यम से विद्यार्थियों को कम्प्यूटर समर्थित शिक्षा प्रदान की जायेगी। लैब की स्थापना जन-निजी भागीदारी के माध्यम से की जायेगी, जिसमें 40 प्रतिशत निवेश सरकार का और 60 प्रतिशत निवेश निजी क्षेत्र का होगा। निजी निवेशक को स्कूल समय के बाद लैब का व्यवसायिक उपयोग करने की सुविधा रहेगी। निजी निवेशक पर पाँच वर्ष तक इनके संधारण का दायित्व भी होगा। प्रत्येक स्कूल में 95 कम्प्यूटर होंगे।
बजट मेन्युअल का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद ने ज्यादा सटीक बजट सुनिश्चित करने की दृष्टि से बनाये गये मध्यप्रदेश बजट मेन्युअल का अनुमोदन किया। इससे राज्य के अधिकारी अधिक दक्षता से वित्तीय और व्यय प्रबंधन कर सकेंगे और राज्य के संसाधनों का जनहित में अधिकतम उपयोग सुनिश्चित होगा। इसके लिये प्रत्येक स्तर की बजट चक्र से संबंधित जानकारी तथा वित्तीय प्रबंधन से संबंधित विभिन्न प्रपत्रों और निर्देशों को एक मेन्युअल में संकलित कर जारी किया जा रहा है। अभी तक बजट मेन्युअल केवल केन्द्र सरकार तथा कुछ राज्यों द्वारा ही जारी किया गया है। बजट मेन्युअल में बजट प्रक्रिया, नगदी प्रबंधन, राजस्व प्रबंधन, व्यय प्रबंधन, ऋण प्रबंधन, राजकोषीय उत्तरदायित्व, लेखा परीक्षा एवं लोक लेखा समिति से संबंधित विषयों को भी सम्मिलित किया गया है।
इस मेन्युअल से जहाँ बजट अनुमान ज्यादा सटीक होंगे, वहीं बजट संबंधी विभिन्न कार्रवाइयों में भी एकरूपता बनाये रखते हुए त्वरित निर्णय लिए जा सकेंगे। क्षेत्रीय स्तर पर बजट प्रक्रिया का ज्ञान न होने के फलस्वरूप हो रहे अनावश्यक पत्र व्यवहार में कमी आएगी।
मंत्रि-परिषद ने 13 वें वित्त आयोग की अनुशंसानुसार महात्मा गाँधी स्मृत्ति चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर से सम्बद्ध महाराजा तुकोजीराव चिकित्सालय, इंदौर का उन्नयन करने के लिये 168 नवीन पदों के सृजन,उपकरण क्रय तथा निर्माण कार्यों के लिये 22 करोड़ रूपये की कार्ययोजना मंजूर की । वित्तीय वर्ष 2011-12 के बजट में इस कार्य के लिये 5 करोड़ 50 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
मध्यप्रदेश ने हासिल की 9 प्रतिशत आर्थिक विकास दर
पाले से हुए नुकसान के बावजूद बड़ी उपलब्धि, बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने को तैयार मध्यप्रदेश
भोपाल 28 अगस्त 2011। बीते छह-सात वर्षों में विकास के लिये कटिबद्ध प्रयासों के फलस्वरूप मध्यप्रदेश अब एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभरकर सामने आने लगा है। अमेरिकी फर्म डन ब्रेडस्ट्रीट की रिपोर्ट ??भारत 2020?? के अनुसार भारत की प्रगति में मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान होगा। वर्ष 2007 में इंदौर में सम्पन्न ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में भी देश के अग्रणी उद्योगपति श्री अनिल अंबानी ने कहा था कि अपनी प्रचुर प्राकृतिक संपदा, देश के मध्य में स्थित होने तथा सरकार द्वारा किये जा रहे ठोस प्रयासों के चलते मध्यप्रदेश को देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार रहना चाहिये।
इन दोनों बातों की पुष्टि इस बात से होती है कि बीते छह-सात वर्षों में मध्यप्रदेश ने विकास दर में लगातार वृद्धि हासिल की है। वर्ष 2004-05 में प्रदेश की विकास दर (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) महज तीन प्रतिशत थी। भारत शासन द्वारा निर्धारित पद्धति से, निर्धारित विधि से किये गये प्राकलन के अनुसार वर्ष 2010-11 में इसकी आर्थिक विकास दर 9 प्रतिशत आँकी गयी है। यह उपलब्धि इस अर्थ में और महत्वपूर्ण हो जाती है कि वर्ष 2010-11 में प्रदेश में 26 प्रतिशत कम वर्षा हुई और जनवरी में पाला पड़ने से अरहर, चना और अलसी की फसलों को भारी नुकसान हुआ। इसके पहले, वर्ष 2009-10 में मध्यप्रदेश में 35 प्रतिशत कम वर्षा होने के बावजूद आर्थिक विकास दर 9.55 प्रतिशत हासिल की गयी थी।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष चने की फसल के क्षेत्रफल में 3.3 प्रतिशत वृद्धि होने पर भी उत्पादन में 16.6 प्रतिशत की कमी आयी। अरहर के क्षेत्रफल में 48.3 प्रतिशत वृद्धि के बाद भी उत्पादन में 36.1 प्रतिशत कमी आयी। इसी तरह, अलसी का क्षेत्रफल 16.4 प्रतिशत बढ़ा, फिर भी उत्पादन में 13.2 प्रतिशत कमी आयी। यह पाले का दुष्परिणाम रहा।
यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2009-10 में कृषि विकास दर 7.2 प्रतिशत रही। जबकि राष्ट्रीय कृषि विकास दर नाम मात्र की रही। इस दौरान प्रदेश में औद्योगिक विकास दर 10.1 प्रतिशत रही। अन्य ऊँची विकास दर वृद्धि वाले बड़े प्रदेशों की तुलना में वर्ष 2009-10 में आर्थिक विकास दर के मामले में उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर तथा 2010-11 में बिहार और छत्तीसगढ़ के बाद प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा।
गरीबी के आकलन के लिये अखिल भारतीय स्तर पर किये गये सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश का प्रति व्यक्ति उपभोग ग्रामीण क्षेत्र में पाँच बड़े राज्यों से अधिक है। इनमें बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश और झारखण्ड शामिल हैं। शहरी क्षेत्र में मध्यप्रदेश का प्रति व्यक्ति उपभोग 6 राज्यों से अधिक है, जिनमें उक्त 5 राज्यों के अलावा राजस्थान शामिल है।
क्या आप जानते हैं
तथ्य सारणी
· वर्ष 2011 के अंत में विश्व की जनसंख्या 7 अरब तक पहुंच जाएगी । (यह संख्या 50 वर्ष पहले रहने वाले लोगों की संख्या के दोगुने से भी अधिक है) इनमें से लगभग आधी आबादी महिलाओं और लड़कियों की है । · एक अरब 1.2 अरब लोग गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं । इनमें से 70 प्रतिशत आबादी महिलाओं और बच्चों की है ।
· एक अरब से भी अधिक वयस्क निरक्षर हैं, जिनमें 66 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है ।
· 2 करोड़ 70 लाख शरणार्थी हैं, जिनमें 80 प्रतिशत संख्या महिलाओं और बच्चों की है ।
प्रत्येक दिन ........
· हममें से एक अरब लोग भूखे सोते हैं ।
· हममें से 2 अरब लोग प्रतिदिन एक डॉलर से भी कम राशिपर जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।
· हममें से एक अरब लोग को स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं है ।
· गर्भावस्था या प्रसव के दौरान एक हजार से भी अधिक महिलाओं की मृत्यु हो जाती है ।
एक अकेला व्यक्तिनिम्नलिखित कार्य कर सकता है ....
· एक बच्चे को पढ़ना सिखा सकता है ।
· एक पेड़ लगा सकता है ।
· एक वरिष्ठ नागरिक से मिल सकता है ।
· एक समाधान खोज सकता है ।
· दूसरों की मदद के लिए खड़ा हो सकता है ।
· किसी के चेहरे पर मुस्कराहट ला सकता है ।
स्रोत : संयुक्त राष्ट्र
रविवार, 28 अगस्त 2011
परीक्षा के समय कैसे तनाव से बचे ! कम समय में ज्यादा तैयारी कैसे करे .
हमें परीक्षा के बारे में सोचकर ही डर लगने लगता है ।
हम जब पढने बैठते है तो कई तरह के सवाल दिमाग में घूमने लगते है ! और हम जो पढ़ते है वो दिमाग में बैठता ही नही ।
अधिकांश प्रतियोगी एक्साम्फोबिया का शिकार हो जाते है।
अब समस्या कहाँ आती है ?
समस्या हमारी सोच और हमरे पढने के तरीके में है !
हमारी सोच ये होती है , कि हमने कितना सिलेबस तैयार कर लिया है ? और कितना बाकी है ?
हम पुराने प्रश्न पत्रों को देखते है , जब हम से कई प्रश्न नही बनते तो हम और तनावग्रस्त हो जाते ।
अब अगर अपनी सोच में थोड़ा सा सकारात्मक परिवर्तन लाये तो हम कई तरह कि समस्यायों से बच सकते है ।
१- पहली बात कि कभी भी कोई टोपिक पूरा पढ़े बिना पुराने प्रश्नपत्र नही देखे , क्योंकि हमने टोपिक पूरा पढ़ा ही नही और जब प्रश्न पढेंगे तो वो बनेंगे ही नही , इससे तनाव पैदा होगा।
२-दूसरी बात कभी भी पढने बैठे तो एक व्यवस्थित तरीके से पढ़े ताकि आपको ये पता हो कि आपने कितना पढ़ा और कितना पढना है । क्रम से पढने पर विषय में क्रमबद्धता बनी रहती है । और तथ्य जल्दी समझ में आते है ।
३- अक्सर हम तथ्यों को रटने पर जोर देते है , जो कि गलत तरीका है , क्योंकि अगर प्रश्न को परीक्षा में थोडा भी घुमाया जाता है तो आपसे प्रश्न नही बनेगा । रटने में एक समस्या ये भी होती है , कि अगर जब तथ्य कि शुरुआत का कोई शब्द हमें यद् नही आता तो पूरा का पूरा तथ्य ही हमें याद नही र्रहता । रटने कि जगह अगर हम तथ्यों को समझ के पढ़े तो वो न केवल हमें याद रहेंगे वल्कि प्रश्न कितना कठिन आ जाये हम उसका सही जवाब देकर आएंगे ।
४- कभी भी लगातार न पढ़े , क्योंकि लगातार पढने से धीरे धीरे हमारी क्षमता कम होती रहती है , और २ -३ घंटे के बाद हमारा पढाई से मन उचट जाता है । इसके लिए पढ़ते समय हर घंटे -आधा घंटे में एक छोटा सा ब्रेक ले कर पढ़ सकते है । इससे हमारे दिमाग को आराम भी मिलता है और हम फिर से नयी ऊर्जा के साथ आगे पढ़ सकते है ।
५- कभी भी पुरे सिलेबस को कवर करने के चक्कर में न रहे बल्कि जितना भी पढ़े अच्छी तरह से पढ़े । क्योंकि हो सकता है कि हम सिलेबस पूरा कवर भी कर ले मगर बहुत तेजी से सिलेबस करने के चक्कर में उसे सही तरीके से याद नही रख पाते है। और परीक्षा में प्रश्न पढ़ते समय भ्रम रहता है ।
६- सबसे महत्वपूर्ण बात है . तब तक पढाई करे जब तक आपका पढने में मन लगता है। जबरदस्ती कभी भी पढाई न करे ।
इस तरह कि और भी कई परेशानियां है जो पढाई के समय आती है , अगर आप को भी ऐसी किसी प्रकार कि परेशानी है तो हमें ख़ुशी होगी आपकी परेशानी का हल ढूँढने में ।
आप अपनी समस्याए और प्रश्न नीची टिप्पणी वाले लिंक में लिख सकते है ।
शुक्रवार, 26 अगस्त 2011
सभी बेंको की भर्ती परीक्षाएं अब एक साथ संयुक्त रूप से होगी.
मंगलवार, 23 अगस्त 2011
मध्य प्रदेश : समसामयिकी २०१०-११
मध्य प्रदेश शासन के सम्मान /पुरस्कार
* लता मंगेशकर सम्मान (सुगम संगीत के लिए राष्ट्रिय स्तर पर )
आयोजक - म० प्र० संस्कृति विभाग
स्थान- इंदौर
वर्ष २००८-०९ : रवि
वर्ष २००९-१० :अनुराधा पौडवाल
* तानसेन सम्मान (शास्त्रीय संगीत के लिए राष्ट्रिय स्तर पर )
आयोजक - म० प्र० संस्कृति विभाग
स्थान- ग्वालियर
वर्ष - २००८-०९: उस्ताद गुलाम मुस्तफा (ख्याल गायक )
वर्ष - २००९-१० : पंडित अजय पोहनकर (ख्याल गायक )
* किशोर कुमार सम्मान (फिल्म निर्माण के कई क्षेत्रो में राष्ट्रिय स्तर पर )
आयोजक - म० प्र० संस्कृति विभाग
स्थान- खंडवा
वर्ष- २००९-१० : यश चौपडा
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# श्रीलंका में प्रति वर्ष मध्य प्रदेश सप्ताह मनाया जाता है ।
# देश का पहला सोलर पार्क "गणेशपुरा " (जिला- राजगढ़ ) में स्थापित हुआ है , जिससे लगभग ५० मेगावाट सौर विद्युत उत्पादित होगी ।
# एशिया का सबसे बड़ा पनीर निर्माण संयंत्र खजुराहो में खोला जा रहा है ।
# मध्य प्रदेश में पहला गैस आधारित विद्युत गृह "भांडेर" (ग्वालियर ) में है । जिसकी उत्पादन क्षमता लगभग ३०० मेगावाट है ।
# मध्य प्रदेश में सर्वाधिक पवन चक्कियां देवास जिले में है ।
# अंतर्राष्ट्रीय मक्का एवं गेंहू अनुसंधान केंद्र - " खमरिया " (जबलपुर ) में प्रस्तावित है ।
# मध्य प्रदेश में पहला पेपरलेस वर्क वाला पहला कार्यालय - " बालाघाट जनसंपर्क कार्यालय " है ।
# उब्दी जिला खरगौन में प्रत्येक किसान के घर में बायोगैस प्लांट है ।
# मध्य प्रदेश भारत का ऐसा पहला राज्य है जिसने अपने यहाँ शासन द्वारा किये जाने वाले कार्यो की गारंटी के लिए " मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम " पारित किया है । इस अधिनियम के अंतर्गत लगभग १९ विभाग आते है , इन विभागों से सम्बंधित कार्यो के लिए जनता को कार्य होने की एक समय सीमा निश्चित की गयी है , अगर कार्य उस समय सीमा में नही होता है , तो व्यक्ति इस अधियम के तहत शिकायत करेगा और शिकायत सही पायी जाने पर तथा कार्य में समय सीमा के बाद जितना भी अतिरिक्त समय लगेगा व्यक्ति को २५० रूपये प्रतिदिन के हिसाब से सम्बंधित अधिकारी/कर्मचारी के वेतन से काट कर पीड़ित पक्ष को दिया जायेगा ।
# रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाले " रातापानी वन्यजीव अभ्यारण्य " को प्रोजेक्ट टाईगर में शामिल कर लिया गया है । इस तरह से अब मध्य प्रदेश में ७ प्रोजेक्ट टाइगर स्थल हो गये है ।
# मध्य प्रदेश शासन के द्वारा महत्वपूर्ण वृक्षों को संरक्षण देने के उद्देश्य से : जबलपुर को आम जिला , और पन्ना को आंवला जिला घोषित किया गया है ।
# रायसेन जिले में भीमबैठका की तरह ही पाषाण कालीन गुफाएं " म्रगेंद्रनाथ " में मिली है ।
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मध्य प्रदेश के प्रमुख पदाधिकारी :-
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त : - श्री अजित रायजादा
मध्य प्रदेश राज्य सुचना आयुक्त : श्री पद्म पाणी तिवारी
मध्य प्रदेश राज्य मुख्य सचिव : श्री अवनि वैश्य
मध्य प्रदेश राज्य पुलिस महानिदेशक : श्री एस० के० राऊत
मध्य प्रदेश उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश : श्री सैयद रफात आलम
सोमवार, 22 अगस्त 2011
नए भर्ती विज्ञापन एवं परीक्षाये
निम्न श्रेणी लिपिक , डाटा एंट्री ओपरेटर
आयु- १८ वर्ष - २७ वर्ष
योग्यता -हायर सेकंडरी
परीक्षा तिथि - ४ दिसंबर २०११
फार्म भरने की अंतिम तिथि - १६ सितम्बर २०११
परीक्षा शुल्क - १०० रूपये
रेलवे भर्ती बोर्ड भोपाल
पद- असिस्टेंट लोको पायलट
पद संख्या - ११३४
आयु - १८ - ३० वर्ष
अंतिम तिथि - १२ सितम्बर २०११
योग्यता - आइ० टी ० आई ० , सहित हाई स्कूल
भारत में आंदोलनों का इतिहास
भारत में आंदोलनों का लम्बा इतिहास रहा है । वैसे तो अंग्रेजो के खिलाफ पहला आन्दोलन बंगाल में सन्यासी विद्रोह था। जिस पर वन्दे मातरम के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास "आनंदमठ "(इसी उपन्यास में वन्दे मातरम लिखा गया था )लिखा गया था।
इसके के बाद अंग्रेजो के खिलाफ अगला सशक्त आन्दोलन १९०५ में बंग - भंग आन्दोलन था । लोर्ड कर्जन के बंगाल विभाजन के निर्णय के खिलाफ पूरा बंगाल (जिसमे आज का बांग्लादेश भी शामिल था ) एक हो गया। कृष्ण कुमार मित्र के आह्वान पर बंगाल में विदेशी वस्तुओ का वहिष्कार करके स्वदेशी आन्दोलन की नींव पड़ी (इसी स्वदेशी आन्दोलन से प्रेरित होकर बाद में गाँधी जी ने इसका प्रयोग १९२० में असहयोग आन्दोलान्मे किया था ।) बंग भंग आन्दोलन के दौरान ही रवींद्र नाथ टेगौर ने हिन्दू - मुसलमानों को प्रेरित कर " रक्षाबंधन " मनाया । इसी आन्दोलन के दौरान रवींद्र नाथ टेगौर ने अपना प्रसिद्द गीत "आमार सोनार बांगला " लिखा । (बाद यही गीत बांग्लादेश का राष्ट्रगान बना, टेगौर विश्वा के एकमात्र व्यक्ति है , जिन्होंने दो देशो का राष्ट्रगान लिखा है । ) इन आंदोलनों के फलस्वरूप ही १९११ के दिल्ली दरवार में बंगाल विभाजन को रद्द किया गया।
देश में सबसे चर्चित आन्दोलन महात्मा गाँधी के रहे है । महात्मा गाँधी जी ने दुनिया को भूख हड़ताल (आमरण अनशन ) और सत्याग्रह जैसे सशक्त हथियार दिए । १९१७ में गांधी जी ने देश में पहला सत्याग्रह "चंपारण सत्याग्रह " के रूप में किया । जिसमे चंपारण , बिहार के किसानो को निलहे (नील की खेती जबरन कराने वाले अंग्रेज ) से मुक्ति दिलाई । इसके बाद गाँधी जी ने अहमदाबाद मिल मजदूर आन्दोलन में विश्व की पहली भूख हड़ताल की ,और अपने ही मित्रो के खिलाफ जाकर मजदूरो को उनका हक दिलाया।
गाँधी जी का राष्ट्रिय स्तर का पहला आन्दोलन १९२१ में "असहयोग आन्दोलन " था । इस आन्दोलन में देश के हर वर्ग के लोगो ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया , जब आन्दोलन अपने चरम सीमा पर था , तभी गोरखपुर के चौरी- चौरा में लोगो ने पुलिस थाने में आग लगा कर २२ पुलिस वालो को जला दिया , इस अहिंसक आन्दोलन में इस घटना के होने से दुखी होकर गाँधी जी ने अपना यह आन्दोलन वापस ले लिया ।
१९३० ई० में गांधी जी ने १२ मार्च को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से तटीय गाँव दांडी तक ६ अप्रैल को पैदल यात्रा पूरी कर के घोर आमानवीय कानून को वुने सहित तोडा , इसी के साथ पुरे देश में जगह जगह इस तरह के कानून तोड़े जाने लगे , सविनय आन्दोलन की शुरुआत हो गयी , जिसकी परिणति गाँधी - इरविन समझौते से हुई ।
गाँधी जी का एक और आन्दोलन "भारत छोडो आन्दोलन " माना जाता है , ८ अगस्त १९४२ को बम्बई के ग्वलिया टेंक मैदान से "करो या मरो " का नारा देकर आन्दोलन की शुरुआत की गयी , मगर दुसरे ही दिन अंग्रेजो ने कोंग्रेस के सभी बड़े नेताओ को गिरफ्तार कर लिया । जिससे आन्दोलन नेत्रत्व विहीन हो गया । जनता हिंसक हो गयी । उसी समय अंग्रेज द्वितीय विश्व युद्ध में फंसे थे । दूसरी और सुभास चन्द्र बोस जापान की सहायता से आज़ाद हिंद फौज द्वारा अंग्रेजो की नाक में दम किये थे । मजबूरन १९४६ में अंग्रेजो को भारत में केबिनेट मिशन को भेजना पड़ा , जिसकी सिफारिश पर ही १९४६ में संविधान सभा का निर्माण हुआ ।
आज़ादी के बाद भी देश में कई आन्दोलन हुए । जैसे - १९५३ में तेलगू भाषी राज्य के लिए आंदोलन
विनोवा भावे का "भूदान आन्दोलन " , १९७५ में इंदिरा गाँधी की तानाशाही के खिलाफ लोकनायक जयप्रकाश नारायण का आन्दोलन , जिसके बाद पुरे देश में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी । स्वयं इंदिरा गाँधी चुनाव हार गयी थी ।
अब देश में अन्ना हजारे (किशन बाबुराव हजारे ) के अनशन के साथ पुरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ और जन लोकपाल के समर्थन में चल रहा आन्दोलन .................भी एक नया इतिहास बनने जा रहा है ।
# अन्ना हजारे (समाज सेवा हेतु ), अरविन्द केजरीवाल (सुचना के अधिकार कानून की जागरूकता फ़ैलाने हेतु )और किरण वेदी ( स्वच्छ प्रसाशन हेतु ) एशिया का नोबल खा जाने वाला " रेमन मैग्सेसे अवार्ड " मिले है ।
गुरुवार, 18 अगस्त 2011
समसामयिक ज्ञान २०१०-११
# अंतर्राष्ट्रीय वन वर्ष २०११ - संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष २०११ को अंतर्राष्ट्रीय वन वर्ष घोषित किया गया है । और इस कार्यक्रम का मेजबान आयोजक देश भारत है ।
# कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले में रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन (DRDO) का दूसरा मिसाईल परिक्षण रेंज निर्माणाधीन है । पहला परिक्षण रेंज ओड़िसा के बालासौर के निकट समुद्र में चांदीपुर में स्थित है ।
# संयुक्त रास्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् में भारत को २ वर्ष की अस्थायी सदस्यता १२ अक्तूबर २०१० को मिली। इससे पहले भारत ६ बार अस्थायी सदस्य रह चूका है । अंतिम बार १९९१-९२ में रहा था ।
# भारत सरकार ने पर्यावरण सम्बन्धी मामलो के लिए अक्तूबर २०१०में राष्ट्रिय हरित न्यायाधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिबुनल ) का गठन किया है । सर्वोच्च न्यायलय के सेवानिवृत न्यायाधीश लोकेश्वर सिंह पाटा को इस ट्रिबुनल का प्रथम प्रमुख बनाया है। ऑस्ट्रेलिया , न्यू ज़ीलैण्ड के बाद भारत इस तरह की अदालत बनाने वाला विश्व का तीसरा देश बन गया है ।
सोमवार, 15 अगस्त 2011
आधुनिक भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्य
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MUKESH PANDEY
Mob. : 9039438781