सोमवार, 12 मार्च 2012

भारत में ग्रामीण विकास कार्यक्रम


- भारत में सर्वप्रथम 'सामुदायिक विकास कार्यक्रम ' अक्तूबर १९५२ में पंडित जवाहर लाल नेहरु द्वारा प्रारंभ किये गये थेविशेषज्ञों का मानना था , कि देश में एक ऐसा संगठन स्थापित किया जाये जिसका मुख्य उद्देश्य सर्वांगीण ग्रामीण विकास हो एवं इस उद्देश्य को प्राप्त करने में सभी देश वासियों का सहकारिता के आधार पर सहयोग होइस कार्यक्रम के निर्माण में तीन अमेरिकी विशेषज्ञों डगलस अन्सिमगर, चेस्टर बऊल्स और कार्ल टेलर का योगदान था
- सघन कृषि जिला कार्यक्रम १९६०-६१ में शुरू किया गया
- लघु कृषक विकास योजना १९६७ में प्रारंभ हुई ।
- सूखाग्रस्त क्षेत्र कार्यक्रम १९७३ में आरम्भ हुआ
-मरुस्थल विकास कार्यक्रम १९७७-७८ में शुरू किये गये ।
- राष्ट्रीय कृषि अनुसन्धान परियोजना का श्रीगणेश १९८८ में हुआ
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम १९९५ से प्रारंभ हुए ।
- ग्रामीण रोजगार सर्जन कार्यक्रम का आरम्भ १९९५ में हुआ
- जवाहर ग्राम सम्रद्धि योजना कि शुरुआत १९९९ से हुई ।
- स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से १९९९ से शुरू हुई
- भारत सरकार ने २००० में अन्नपूर्णा योजना प्रारंभ की।
- अन्त्योदय अन्न योजना २००० में केंद्र सरकार द्वारा शुरू हुई इसमें गरीबी रेखा से नीचे के लोगो को रूपये किलो गेंहू और रूपये किलो चावल दिए जाते है
- सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना २००१ में केंद्र सरकार ने राज्यों के सहयोग से शुरू की ।
- प्रधान मंत्री ग्रामोदय योजना २०००-०१ में शुरू हुई
- काम के बदले अनाज का राष्ट्रीय कार्यक्रम २००४ में शुरू हुआ ।
- २००५ में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) का शुभारम्भ हुआ , जिसका नाम २००९ में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कर दिया गया इस अधिनियम के अंतर्गत बेरोजगार लोगो के उनके क्षेत्र के आस पास ही १०० दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें