संघ लोक सेवा आयोग के बाद मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग भी राज्य सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में वैकल्पिक विषय की जगह अब सीसेट ( सिविल सर्विस एप्तित्युट टेस्ट ) लेन जा रही है . सीसेट के बारे में लोगो द्वारा कहा जा रहा है , कि इसमें मैथ्स रीजनिंग या बैंकिंग अभियोग्यता आनी है. तो ये बात सरासर गलत है . इसका प्रमाण पिछली बार कि संघ लोक सेवा कि परीक्षा है .
सवाल ये उठता है , कि आखिर क्यों संघ लोक सेवा आयोग और राज्य सेवा आयोग ये परिवर्तन करने जा रहा है ? तो इस परीक्षा प्रारूप का मुख्या उद्देश्य अभ्यर्थी की सिविल सेवा के लिए उपयुक्त अभियोग्यता की जाँच करना है . तथा अति महत्पूर्ण पदों के लिए सुयोग्य उमीदवार का चयन करना है .
सिविल सेवा में वर्षो से चली आ रही प्रारंभिक परीक्षा के द्वितीय प्रश्न पत्र में विभिन्न वैकल्पिक विषयों से प्रश्न पूछे जाते थे . जिनका सिविल सेवा की कार्यप्रणाली और आम जनता से कुछ भी लेना देना नही होता था . कोई भी अभ्यर्थी इन विषयों को रट कर अच्छे अंक प्राप्त कर सकता था . ऐसी स्तिथि में अभ्यर्थी की किसी विशेष विषय सम्बन्धी ज्ञान का तो पता चल जाता था , परन्तु ये पता नही चल पाता था , कि वह सिविल सेवा के योग्य है या नही . अच्छे अंक प्राप्त करने के कारन आयोग कि उस अभ्यर्थी को चुनने की बाध्यता हो जाती थी . अतः अब सीसेट के माध्यम से विषय वस्तुओ को रटने की प्रवत्ति को घटा कर सही अभियोग्यता को पहचानना है .
सीसेट के अंतर्गत निम्न विषय होंगे -
-सामान्य मानसिक योग्यता
-आधारभूत गणना
-तार्किक योग्यता एवं विश्लेष्णात्मक योग्यता
-निर्णयन एवं समस्यायों का समाधान
-समंको की व्याख्या एवं पर्याप्तता
सवाल ये उठता है , कि आखिर क्यों संघ लोक सेवा आयोग और राज्य सेवा आयोग ये परिवर्तन करने जा रहा है ? तो इस परीक्षा प्रारूप का मुख्या उद्देश्य अभ्यर्थी की सिविल सेवा के लिए उपयुक्त अभियोग्यता की जाँच करना है . तथा अति महत्पूर्ण पदों के लिए सुयोग्य उमीदवार का चयन करना है .
सिविल सेवा में वर्षो से चली आ रही प्रारंभिक परीक्षा के द्वितीय प्रश्न पत्र में विभिन्न वैकल्पिक विषयों से प्रश्न पूछे जाते थे . जिनका सिविल सेवा की कार्यप्रणाली और आम जनता से कुछ भी लेना देना नही होता था . कोई भी अभ्यर्थी इन विषयों को रट कर अच्छे अंक प्राप्त कर सकता था . ऐसी स्तिथि में अभ्यर्थी की किसी विशेष विषय सम्बन्धी ज्ञान का तो पता चल जाता था , परन्तु ये पता नही चल पाता था , कि वह सिविल सेवा के योग्य है या नही . अच्छे अंक प्राप्त करने के कारन आयोग कि उस अभ्यर्थी को चुनने की बाध्यता हो जाती थी . अतः अब सीसेट के माध्यम से विषय वस्तुओ को रटने की प्रवत्ति को घटा कर सही अभियोग्यता को पहचानना है .
सीसेट के अंतर्गत निम्न विषय होंगे -
-सामान्य मानसिक योग्यता
-आधारभूत गणना
-तार्किक योग्यता एवं विश्लेष्णात्मक योग्यता
-निर्णयन एवं समस्यायों का समाधान
-समंको की व्याख्या एवं पर्याप्तता
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