मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा में सफल होना अनेक अभ्यर्थियों का सपना होता है . बहुत से परीक्षार्थी परिश्रम तो बहुत करते है , परन्तु आशानुरूप सफलता नही मिल पाती है . इसका कारण सही दिशा में सार्थक परिश्रम नहीं करना होता है . सबसे पहले मैं ये कहना चाहूँगा कि राज्य सेवा परीक्षा कि प्रकृति को समझे ! अर्थात हमें सर्वप्रथम इस परीक्षा कि प्रवत्ति को समझना होगा . अक्सर लोग इस पूरी परीक्षा को तीन अलग अलग परीक्षाओ कि तरह मानते है , जो कि गलत है . राज्य सेवा परीक्षा में तीन स्तर ( प्रारंभिक परीक्षा , मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार ) होते है . न कि तीन अलग परीक्षाये होती है .
समस्या ये होती है , कि परीक्षार्थी सबसे पहले तो प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करते है , जब कुछ साल तैयारी के बाद प्रारंभिक परीक्षा में सफल होते है , तो फिर मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू करते है , विषय चयन करते है , मगर प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के बाद मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए ३-४ महीने मिलते है , जो कि पर्याप्त नही होते है . जब प्रारंभिक परीक्षा जिसमे मात्र दो प्रश्न पत्र (६०० अंक )होते है , उसके लिए इतना समय परीक्षार्थी देते है . मगर मुख्य परीक्षा जिसमे सात प्रश्न पत्र (२१०० अंक) होते है , और जिस परीक्षा के आधार पर ही चयन होना है , उसके लिए मात्र २ से ४ महीने ! ये तैयारी का तरीका ही गलत है .
हम अगर सही तरीके कि बात करें तो जब पूरी एक ही परीक्षा है , बस उसके तीन अलग स्तर है . तो फिर एक ही परीक्षा के तीनो स्तर कि तैयारी एक साथ ही होनी चाहिए न की अलग अलग . परीक्षार्थी जब राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करते है , तभी उन्हें मुख्य परीक्षा के दोनों वैकल्पिक विषय चुन लेने चाहिए . ताकि बाद में तैयारी में समस्या न हो . एक साथ ही तीनो स्तरों की तैयारी करनी चाहिए . अगर हम मुख्या परीक्षा की तैयारी के साथ प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करते है , तो प्रारंभिक परीक्षा भी निकलेगी साथ ही मुख्य परीक्षा के लिए समयाभाव भी नही होगा
समस्या ये होती है , कि परीक्षार्थी सबसे पहले तो प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करते है , जब कुछ साल तैयारी के बाद प्रारंभिक परीक्षा में सफल होते है , तो फिर मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू करते है , विषय चयन करते है , मगर प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के बाद मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए ३-४ महीने मिलते है , जो कि पर्याप्त नही होते है . जब प्रारंभिक परीक्षा जिसमे मात्र दो प्रश्न पत्र (६०० अंक )होते है , उसके लिए इतना समय परीक्षार्थी देते है . मगर मुख्य परीक्षा जिसमे सात प्रश्न पत्र (२१०० अंक) होते है , और जिस परीक्षा के आधार पर ही चयन होना है , उसके लिए मात्र २ से ४ महीने ! ये तैयारी का तरीका ही गलत है .
हम अगर सही तरीके कि बात करें तो जब पूरी एक ही परीक्षा है , बस उसके तीन अलग स्तर है . तो फिर एक ही परीक्षा के तीनो स्तर कि तैयारी एक साथ ही होनी चाहिए न की अलग अलग . परीक्षार्थी जब राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करते है , तभी उन्हें मुख्य परीक्षा के दोनों वैकल्पिक विषय चुन लेने चाहिए . ताकि बाद में तैयारी में समस्या न हो . एक साथ ही तीनो स्तरों की तैयारी करनी चाहिए . अगर हम मुख्या परीक्षा की तैयारी के साथ प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करते है , तो प्रारंभिक परीक्षा भी निकलेगी साथ ही मुख्य परीक्षा के लिए समयाभाव भी नही होगा
shandar
जवाब देंहटाएंsangeeta ji dhanyabad ! aap yaha apne prashn ya jigyasaye bhi likh sakte hai .
जवाब देंहटाएंmains k liye subjects ka chayan kaise karen?
जवाब देंहटाएंha mujhe bhi thodi problem h, main ke lye jb hm online form submit krenge to uske kitne dino pehle hme prem. Ka result malum pad jaega.. Ya mains ki xam k lye kb xam form submit hota h
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