रविवार, 28 अगस्त 2011

परीक्षा के समय कैसे तनाव से बचे ! कम समय में ज्यादा तैयारी कैसे करे .

अक्सर हम परीक्षा के समय अत्यधिक तनाव का शिकार हो जाते है ।
हमें परीक्षा के बारे में सोचकर ही डर लगने लगता है ।
हम जब पढने बैठते है तो कई तरह के सवाल दिमाग में घूमने लगते है ! और हम जो पढ़ते है वो दिमाग में बैठता ही नही ।
अधिकांश प्रतियोगी एक्साम्फोबिया का शिकार हो जाते है।
अब समस्या कहाँ आती है ?
समस्या हमारी सोच और हमरे पढने के तरीके में है !
हमारी सोच ये होती है , कि हमने कितना सिलेबस तैयार कर लिया है ? और कितना बाकी है ?
हम पुराने प्रश्न पत्रों को देखते है , जब हम से कई प्रश्न नही बनते तो हम और तनावग्रस्त हो जाते ।

अब अगर अपनी सोच में थोड़ा सा सकारात्मक परिवर्तन लाये तो हम कई तरह कि समस्यायों से बच सकते है ।
१- पहली बात कि कभी भी कोई टोपिक पूरा पढ़े बिना पुराने प्रश्नपत्र नही देखे , क्योंकि हमने टोपिक पूरा पढ़ा ही नही और जब प्रश्न पढेंगे तो वो बनेंगे ही नही , इससे तनाव पैदा होगा।
२-दूसरी बात कभी भी पढने बैठे तो एक व्यवस्थित तरीके से पढ़े ताकि आपको ये पता हो कि आपने कितना पढ़ा और कितना पढना है । क्रम से पढने पर विषय में क्रमबद्धता बनी रहती है । और तथ्य जल्दी समझ में आते है ।
३- अक्सर हम तथ्यों को रटने पर जोर देते है , जो कि गलत तरीका है , क्योंकि अगर प्रश्न को परीक्षा में थोडा भी घुमाया जाता है तो आपसे प्रश्न नही बनेगा । रटने में एक समस्या ये भी होती है , कि अगर जब तथ्य कि शुरुआत का कोई शब्द हमें यद् नही आता तो पूरा का पूरा तथ्य ही हमें याद नही र्रहता । रटने कि जगह अगर हम तथ्यों को समझ के पढ़े तो वो न केवल हमें याद रहेंगे वल्कि प्रश्न कितना कठिन आ जाये हम उसका सही जवाब देकर आएंगे ।
४- कभी भी लगातार न पढ़े , क्योंकि लगातार पढने से धीरे धीरे हमारी क्षमता कम होती रहती है , और २ -३ घंटे के बाद हमारा पढाई से मन उचट जाता है । इसके लिए पढ़ते समय हर घंटे -आधा घंटे में एक छोटा सा ब्रेक ले कर पढ़ सकते है । इससे हमारे दिमाग को आराम भी मिलता है और हम फिर से नयी ऊर्जा के साथ आगे पढ़ सकते है ।
५- कभी भी पुरे सिलेबस को कवर करने के चक्कर में न रहे बल्कि जितना भी पढ़े अच्छी तरह से पढ़े । क्योंकि हो सकता है कि हम सिलेबस पूरा कवर भी कर ले मगर बहुत तेजी से सिलेबस करने के चक्कर में उसे सही तरीके से याद नही रख पाते है। और परीक्षा में प्रश्न पढ़ते समय भ्रम रहता है ।
६- सबसे महत्वपूर्ण बात है . तब तक पढाई करे जब तक आपका पढने में मन लगता है। जबरदस्ती कभी भी पढाई न करे ।

इस तरह कि और भी कई परेशानियां है जो पढाई के समय आती है , अगर आप को भी ऐसी किसी प्रकार कि परेशानी है तो हमें ख़ुशी होगी आपकी परेशानी का हल ढूँढने में ।
आप अपनी समस्याए और प्रश्न नीची टिप्पणी वाले लिंक में लिख सकते है ।

3 टिप्‍पणियां:

  1. hello sir main vipul, main 80% plus karna chahata hoon.so tell me 1 mahine kis tarah tayari karoon????????????????
    pls tell me sir. i take maths(math sceince)............

    जवाब देंहटाएं
  2. Hello sir mai krishna, abhi to mai private job kar raha hun, mujhe padhne ke liye muskil se din bhar me 3 ghante time milta hai,mujhe goverment job chahiye, sir iske liye kaise preparation karun, job bahut jaruri hai sir kyonki mera parents sirf mujhpar hi depend hai...

    जवाब देंहटाएं
  3. sir jab main padhne baithata hu to mera mind me idhar udhar ka baat ghumne lagta hai. constraint nhi kar pata hu koi upay batiye ki main jyada se jyada padhai karu.mera email pr (nitishkp1.NK@gmail.com) plz sir mujhe upay bataiye main je ki prepare kr rha hu.

    जवाब देंहटाएं