रविवार, 15 जुलाई 2012

मानसून क्या है ? कब , कहाँ से और कैसे आता है ?

भारत में मानसून का बड़ा बेसब्री से इन्तजार होता है , भारतीय कृषि को मानसून का जुआ कहते है . तो आइये हम मानसून के बारे में जानते है , कि ये कब ,कैसे और कहाँ से आता है .


संवहनीय वर्षा की उत्पत्ति

मानसून अरबी भाषा का शब्द है, जो  कि मौसिम  शब्द से उत्पन्न हुआ है , जिसका अर्थ होता है -हवाएं  मानसून शब्द हिप्पोलस  ने दिया था . भारत में जिन सागरीय पवने  के माध्यम से वर्षा  होती है , उन्हें मानसूनी पवने कहते है . भारत में दो तरह का मानसून आता है - 
1 . - ग्रीष्म कालीन /दक्षिण पश्चिमी  मानसून  (जून से मध्य अक्तूबर तक  )
2 .- शीत कालीन / उत्तर पूर्वी मानसून  (नवम्बर से जनवरी तक )

            भारत में दो तरह का मानसून आता है, ग्रीष्म कालीन  और शीत कालीन  

 मानसून की उत्पत्ति   :-
मानसून की उत्पत्ति के कई सिद्धांत प्रचलित है -
१- तापीय सिद्धांत 
२- ITCZ सिद्धांत (विषुवतीय पछुआ पवन की संकल्पना ) 
३- जेट धारा सिद्धांत  
४- अलनीनो एवं ला नीनो सिद्धांत 
५- हेडली चक्र एवं वाटर चक्र सिद्धांत 
६- दक्षिण ध्रुवीय / उत्तर ध्रुवीय प्रभाव 
७- सोमाली प्रभाव  
ITCZ सिद्धांत के अनुसार   दक्षिण -पश्चिमी मानसून विषुवतीय पछुआ पवन के भारत में प्रवेश करने से उत्पन्न होती  है . 

सोमालिया तट पर उत्पन्न होने वाली सोमाली ठंडी   धारा के कारण अरब सागर के उच्च वायुदाब में वृद्धि होती है , जो दक्षिण -पश्चिम मानसून को मजबूत करती है . 













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